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सामाजिक >> पार परे

पार परे

जोगिन्दर पाल

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :110
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 103
आईएसबीएन :81-263-0990-3

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काले पानी की पृष्ठभूमि में मनुष्यद्रोहिता और धर्मान्धता का जो आतंकवाद जीवन-मूल्यों को नष्ट करने पर उतारू है, उसे इस उपन्यास में रेखांकित किया गया है।

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